उन्होंने कहा, मैंने खुद को एक कमरे में लॉक कर लिया था। जबकि मेरा भाई दूसरे कमरे में रह रहा था। राहत यह थी कि मेरे पैरेंट्स उसी घर में नही रहते। मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी। मुझे किसी चीज का स्वाद नहीं आ रहा था और बदन में दर्द हो रहा था। मेरा ज्यादातर दिन बेड पर बीतता था। मैं खुद को किताबें पढ़ने और गेम खेलने में खुद को व्यस्त रखा। फातिमा के मुताबिक, क्वारैंटाइन अवधि के दौरान उन्होंने अपनी ड्राइंग स्किल पर भी काम किया।
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